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उत्तर प्रदेश सरकारी योजनाएँ

UP राज्य के लोगों के लिए 60 से ज़्यादा सरकारी योजनाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें सेंट्रल गवर्नमेंट और स्टेट गवर्नमेंट की योजनाएँ शामिल हैं। इस पेज पर हम इन सरकारी योजनाएँ की डिटेल्स शेयर करेंगे।

सरकारी योजनाएँ के बारे में जागरूकता की बहुत कमी है, खासकर ग्रामीण ज़िलों में। लोक सेतु टीम का मकसद UP राज्य के लोगों के लिए सभी उपलब्ध सरकारी योजनाएँ के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है।

लोक सेतु का उद्देश्य

हमारा लक्ष्य हर नागरिक को उसके हक की जानकारी देना है। हम आपको सरकारी योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी, आवेदन प्रक्रिया, और आवश्यक दस्तावेजों की सूची प्रदान करते हैं।

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उत्तर प्रदेश दत्तोपंत ठेंगड़ी मृतक श्रमिक आर्थिक सहायता योजना

श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

योजना का परिचय

दत्तोपंत ठेंगड़ी मृतक श्रमिक आर्थिक सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक कल्याणकारी योजना है। यह योजना कारखानों में कार्यरत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके परिवार/आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। योजना का नाम दत्तोपंत ठेंगड़ी (प्रसिद्ध श्रमिक नेता एवं भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक) के नाम पर रखा गया है।

योजना का उद्देश्य

  • मृतक श्रमिक के परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करना
  • आकस्मिक मृत्यु के बाद परिवार की आजीविका में सहायता
  • श्रमिक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा देना

सहायता राशि (लाभ)

पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को ₹1,00,000/- (एक लाख रुपये) की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में प्रदान की जाती है।

पात्रता (Eligibility)

  • मृतक श्रमिक कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत किसी कारखाने में कार्यरत हो
  • मृत्यु के समय श्रमिक का मासिक वेतन ₹15,000/- से अधिक न हो
  • श्रमिक ने मृत्यु से पहले कम से कम 6 माह तक लगातार कार्य किया हो
  • श्रमिक का पंजीकरण वैध एवं सक्रिय होना चाहिए
  • लाभ श्रमिक की विधवा/आश्रित (पत्नी, पुत्र/पुत्री आदि) को दिया जाता है
  • यदि विधवा जीवित है तो सहायता राशि उसे ही प्रदान की जाती है

आवश्यक दस्तावेज

मृत्यु प्रमाण पत्र
श्रमिक का फैक्ट्री/श्रम पंजीकरण प्रमाण
वेतन प्रमाण पत्र
आधार कार्ड (आवेदक/आश्रित)
बैंक पासबुक (IFSC सहित)
नामांकन/आश्रित प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो

आवेदन प्रक्रिया

1

ऑनलाइन आवेदन

मृतक श्रमिक के आश्रित द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाता है

2

पोर्टल पर आवेदन

आवेदन श्रम विभाग के पोर्टल पर निर्धारित समय सीमा में भरना अनिवार्य है

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जांच प्रक्रिया

आवेदन की जांच श्रम कल्याण परिषद/श्रम विभाग द्वारा की जाती है

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भुगतान

सत्यापन पूर्ण होने के बाद सहायता राशि DBT के माध्यम से बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

श्रमिक की मृत्यु की तिथि से 1 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। समय सीमा समाप्त होने पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

श्रमिक सुरक्षा

श्रमिक परिवारों के लिए त्वरित आर्थिक सहायता

पारदर्शी प्रणाली

पारदर्शी ऑनलाइन आवेदन प्रणाली

सीधा भुगतान

DBT के माध्यम से सीधा भुगतान

सामाजिक सुरक्षा

सामाजिक सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

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उत्तर प्रदेश पंचायत कल्याण कोष योजना

पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

योजना का परिचय

पंचायत कल्याण कोष योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह योजना त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की पद पर रहते हुए असमय मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित परिवारजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना की शुरुआत 15 सितंबर 2021 को की गई थी।

योजना का उद्देश्य

  • पंचायत प्रतिनिधियों के परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना
  • जनसेवा के दौरान असमय मृत्यु होने पर परिवार को सहारा देना
  • पंचायती राज संस्थाओं में कार्यरत प्रतिनिधियों का मनोबल बढ़ाना

आर्थिक सहायता की राशि

पंचायत प्रतिनिधि का पद सहायता राशि
ग्राम प्रधान ₹10,00,000
क्षेत्र पंचायत प्रमुख ₹10,00,000
जिला पंचायत अध्यक्ष ₹10,00,000
जिला पंचायत सदस्य ₹5,00,000
क्षेत्र पंचायत सदस्य ₹3,00,000
ग्राम पंचायत सदस्य ₹2,00,000

पात्रता (Eligibility)

  • मृतक व्यक्ति उत्तर प्रदेश का निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि होना चाहिए
  • मृत्यु पद पर रहते हुए हुई हो
  • सहायता राशि केवल आश्रित परिवारजनों को दी जाती है
  • यदि मृत्यु आत्महत्या या आपराधिक कृत्य के कारण हुई हो, तो योजना का लाभ नहीं दिया जाता

लाभार्थी (किसे लाभ मिलेगा)

  • मृतक पंचायत प्रतिनिधि के पति / पत्नी
  • मृतक पंचायत प्रतिनिधि के पुत्र / पुत्री
  • अन्य आश्रित (सरकारी नियमों के अनुसार)

आवश्यक दस्तावेज

मृत्यु प्रमाण पत्र
पंचनामा / पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पद का प्रमाण पत्र
आश्रित का आधार कार्ड
बैंक खाता विवरण
संबंधित अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र
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उत्तर प्रदेश कन्या विवाह सहायता योजना

भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

योजना का परिचय

कन्या विवाह सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों (मजदूरों) के कल्याण हेतु चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिक की पुत्री अथवा स्वयं महिला निर्माण श्रमिक के विवाह पर आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे गरीब श्रमिक परिवारों को विवाह के खर्च में सहयोग मिल सके।

योजना का उद्देश्य

  • निर्माण श्रमिक परिवार की कन्या के विवाह में आर्थिक सहायता देना
  • बाल विवाह पर रोक लगाना एवं वैधानिक आयु में विवाह को बढ़ावा देना
  • श्रमिक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना
  • सामूहिक एवं अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करना

सहायता राशि (लाभ)

विवाह का प्रकार सहायता राशि
सामान्य (व्यक्तिगत) विवाह ₹55,000
सामूहिक विवाह ₹65,000
अंतर्जातीय विवाह ₹75,000
अंतर्जातीय सामूहिक विवाह ₹85,000

यह राशि एकमुश्त (One Time) दी जाती है और DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री
  • महिला निर्माण श्रमिक स्वयं (यदि उसका विवाह हो रहा हो)

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • आवेदक UPBOCW बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण होना अनिवार्य
  • कन्या की न्यूनतम आयु 18 वर्ष
  • वर की न्यूनतम आयु 21 वर्ष
  • एक परिवार की अधिकतम दो कन्याओं को ही लाभ
  • विवाह कानूनी रूप से वैध होना चाहिए
  • विवाह की तिथि से पहले/बाद नियत समय में आवेदन आवश्यक

आधिकारिक पोर्टल

UPBOCW पोर्टल

https://upbocw.in/

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श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना

भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

योजना का परिचय

श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित एक विशेष योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिक अपने माता-पिता अथवा सास-ससुर को तीर्थ यात्रा पर भेजने के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। योजना का नाम श्रवण कुमार के नाम पर रखा गया है, जो माता-पिता की सेवा के प्रतीक माने जाते हैं।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिकों के वृद्ध माता-पिता / सास-ससुर को तीर्थ यात्रा का अवसर देना
  • श्रमिक परिवारों को सामाजिक व सांस्कृतिक सम्मान प्रदान करना
  • पारिवारिक मूल्यों और बुजुर्गों की सेवा को प्रोत्साहित करना

सहायता राशि (लाभ)

तीर्थ यात्रा हेतु अधिकतम ₹12,000/- तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि यात्रा व्यय (आवागमन, ठहराव आदि) के लिए होती है। भुगतान DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जाता है।

किसे लाभ मिलेगा

  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक के माता-पिता या सास/ससुर
  • जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • आवेदक UPBOCW बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण होना चाहिए
  • माता-पिता / सास-ससुर की आयु 60 वर्ष या अधिक हो
  • श्रमिक परिवार ने पूर्व में इस योजना का लाभ न लिया हो
  • एक समय में एक ही यात्रा हेतु सहायता अनुमन्य
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राजा हरिश्चंद्र अंत्येष्टि सहायता योजना

भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

योजना का परिचय

राजा हरिश्चंद्र अंत्येष्टि सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक अथवा उसके आश्रित परिवार सदस्य की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार (अंत्येष्टि) हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि गरीब श्रमिक परिवारों पर अचानक पड़े खर्च का बोझ कम हो सके।

योजना का उद्देश्य

  • निर्माण श्रमिक परिवार को मृत्यु की स्थिति में त्वरित आर्थिक सहायता देना
  • अंतिम संस्कार जैसे आवश्यक कार्यों में सहयोग करना
  • श्रमिक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना

सहायता राशि (लाभ)

₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये) की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु होने पर
  • श्रमिक के आश्रित परिवार सदस्य (पति/पत्नी, पुत्र/पुत्री आदि) की मृत्यु होने पर भी

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • मृतक व्यक्ति UPBOCW बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक या उसका आश्रित हो
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण होना चाहिए
  • मृत्यु स्वाभाविक अथवा दुर्घटनावश हुई हो
  • एक मृत्यु पर एक बार ही सहायता अनुमन्य

आवेदन की समय सीमा

मृत्यु की तिथि से 30 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। विलंब होने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

आधिकारिक पोर्टल

UPBOCW पोर्टल

https://upbocw.in/

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ज्योतिबा फुलेश्रमिक कन्यादान योजना

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

योजना का परिचय

ज्योतिबा फुले श्रमिक कन्यादान योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिक वर्ग (विशेष रूप से कारखाना/औद्योगिक श्रमिक) के कल्याण हेतु संचालित एक सामाजिक सहायता योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद (Uttar Pradesh Labour Welfare Council) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत श्रमिक की पुत्री के विवाह के अवसर पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे गरीब एवं मध्यम वर्गीय श्रमिक परिवारों को विवाह संबंधी खर्च में सहयोग मिल सके।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिक परिवारों की कन्याओं के विवाह में आर्थिक सहायता देना
  • गरीब श्रमिक परिवारों पर पड़ने वाले विवाह व्यय के बोझ को कम करना
  • कन्या सम्मान एवं सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना

सहायता राशि (लाभ)

पात्र श्रमिक की पुत्री के विवाह पर ₹51,000/- (इक्यावन हजार रुपये) की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक की पुत्री
  • एक श्रमिक परिवार की अधिकतम दो कन्याओं को योजना का लाभ मिल सकता है।

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • श्रमिक कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत हो
  • श्रमिक का मासिक वेतन ₹15,000/- से अधिक न हो
  • श्रमिक ने कम से कम 6 माह तक निरंतर सेवा की हो
  • कन्या की न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो
  • विवाह कानूनी रूप से वैध होना चाहिए
  • पहले इसी कन्या के लिए किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ न लिया गया हो

आवेदन प्रक्रिया

  1. उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद की वेबसाइट पर जाएँ
  2. ज्योतिबा फुले श्रमिक कन्यादान योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच श्रम कल्याण परिषद द्वारा की जाती है
  6. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

विवाह की तिथि के 90 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। विलंब होने पर आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।

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निर्माण कामगार मृत्यु / दिव्यांग सहायता योजना

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

योजना का परिचय

निर्माण कामगार मृत्यु / दिव्यांग सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों(कामगारों) के कल्याण हेतु संचालित एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत यदि किसी पंजीकृत निर्माण कामगार की दुर्घटना या सामान्य कारण से मृत्यु हो जाती है या वह स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है, तो उसे या उसके आश्रित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

योजना का उद्देश्य

  • निर्माण कामगार की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में परिवार को आर्थिक संबल देना
  • श्रमिक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना
  • आकस्मिक घटनाओं से उत्पन्न आर्थिक संकट को कम करना

सहायता राशि (लाभ)

स्थिति के अनुसार सहायता राशि निम्न प्रकार से दी जाती है:

  • सामान्य मृत्यु: ₹2,00,000
  • दुर्घटना से मृत्यु: ₹5,00,000
  • स्थायी पूर्ण दिव्यांगता: ₹2,00,000
  • स्थायी आंशिक दिव्यांगता: ₹1,00,000

सहायता राशि एकमुश्त दी जाती है और DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण कामगार
  • मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित परिवारजन (पति/पत्नी, पुत्र/पुत्री, माता-पिता)

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • मृतक/दिव्यांग व्यक्ति UPBOCW में पंजीकृत निर्माण कामगार हो
  • कामगार का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण होना अनिवार्य
  • पंजीकरण मृत्यु/दुर्घटना के समय सक्रिय होना चाहिए
  • एक ही घटना के लिए एक बार ही सहायता दी जाएगी

आवेदन प्रक्रिया

  1. UPBOCW पोर्टल पर लॉगिन / पंजीकरण करें
  2. निर्माण कामगार मृत्यु / दिव्यांग सहायता योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच श्रम विभाग द्वारा की जाती है
  6. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

मृत्यु या दुर्घटना की तिथि से 90 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। विलंब होने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

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राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (National Family Benefit Scheme – NFBS)

समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के अंतर्गत लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को उस स्थिति में आर्थिक सहायता देना है, जब परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाती है। उत्तर प्रदेश में इस योजना का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है।

योजना का उद्देश्य

  • परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य की मृत्यु पर आर्थिक सहायता देना
  • गरीब परिवार को अचानक आए आर्थिक संकट से उबारना
  • परिवार की न्यूनतम आजीविका सुनिश्चित करना

सहायता राशि (लाभ)

मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु पर ₹30,000/- (तीस हजार रुपये) की एकमुश्त सहायता दी जाती है। यह राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • मृतक व्यक्ति के आश्रित परिवारजन, जैसे: पति / पत्नी
  • पुत्र / पुत्री
  • अन्य आश्रित सदस्य (सरकारी नियमों के अनुसार)

पात्रता (Eligibility)

  • परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करता हो
  • मृतक व्यक्ति परिवार का मुख्य कमाऊ सदस्य हो
  • मृतक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच हो
  • मृतक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • मृत्यु स्वाभाविक अथवा दुर्घटनावश हुई हो
  • मृत्यु के समय परिवार की स्थिति BPL होनी चाहिए
  • नोट: आत्महत्या की स्थिति में योजना का लाभ नहीं दिया जाता।

आवेदन प्रक्रिया

  1. आवेदक ऑनलाइन आवेदन करता है
  2. आवेदन समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर किया जाता है
  3. आवेदन की जांच:
    • ग्राम स्तर: ग्राम पंचायत सचिव
    • ब्लॉक स्तर: खंड विकास अधिकारी (BDO)
    • जिला स्तर: समाज कल्याण अधिकारी
  4. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

मृत्यु की तिथि के बाद यथाशीघ्र आवेदन करना चाहिए। सामान्यतः 1 वर्ष के भीतर आवेदन करना उपयुक्त माना जाता है।

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कृषक दुर्घटना कल्याण योजना (उत्तर प्रदेश)

राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

योजना का परिचय

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना का उद्देश्य किसान की दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में उसके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक संकट से राहत मिल सके। यह योजना राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जाती है।

योजना का उद्देश्य

  • दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर परिवार को आर्थिक सहायता देना
  • दिव्यांगता की स्थिति में किसान को सहयोग प्रदान करना
  • किसान परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच देना

सहायता राशि (लाभ)

दुर्घटना की स्थिति के अनुसार सहायता राशि निम्न प्रकार है:

  • दुर्घटना में मृत्यु: ₹5,00,000
  • पूर्ण स्थायी दिव्यांगता: ₹5,00,000
  • आंशिक स्थायी दिव्यांगता: ₹2,50,000

सहायता राशि एकमुश्त दी जाती है और सीधे DBT के माध्यम से बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • उत्तर प्रदेश का किसान, जो:
    • खातेदार हो, या
    • सह-खातेदार हो, या
    • पट्टेदार/बटाईदार किसान हो (जहाँ मान्य)

पात्रता (Eligibility)

  • किसान उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच हो
  • दुर्घटना अप्राकृतिक कारणों से हुई हो, जैसे:
    • सड़क दुर्घटना
    • बिजली गिरना
    • डूबना
    • सर्पदंश
    • आग लगना
    • प्राकृतिक आपदा
  • दुर्घटना के समय किसान कृषि कार्य में संलग्न हो
  • मृत्यु/दिव्यांगता दुर्घटना के कारण हुई हो
  • नोट: बीमारी, वृद्धावस्था या आत्महत्या की स्थिति में लाभ नहीं मिलता।

आवेदन प्रक्रिया

  1. पीड़ित किसान या उसके आश्रित द्वारा तहसील / लेखपाल के माध्यम से आवेदन किया जाता है
  2. आवेदन की जांच:
    • लेखपाल
    • कानूनगो
    • तहसीलदार
  3. स्वीकृति के बाद आवेदन जिला प्रशासन को भेजा जाता है
  4. जिला स्तर से अनुमोदन के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

दुर्घटना की तिथि से 45 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। विलंब होने पर दावा निरस्त किया जा सकता है।

आधिकारिक पोर्टल

राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश

https://rajasva.up.nic.in/

नोट: कई जिलों में आवेदन ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार किए जाते हैं।

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ओबीसी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (उत्तर प्रदेश)

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

ओबीसी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों के लिए संचालित एक शैक्षिक सहायता योजना है। इस योजना का उद्देश्य कक्षा 9वीं और 10वीं में अध्ययनरत OBC छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे बिना आर्थिक बाधा के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। इस योजना का संचालन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाता है।

योजना का उद्देश्य

  • OBC वर्ग के छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना
  • आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का ड्रॉपआउट कम करना
  • माध्यमिक शिक्षा को सुलभ बनाना

छात्रवृत्ति राशि (लाभ)

छात्रवृत्ति की राशि छात्र की श्रेणी के अनुसार दी जाती है:

  • दिवा छात्र (Day Scholar): ₹2,250 प्रति वर्ष
  • छात्रावासीय छात्र (Hosteller): ₹3,000 प्रति वर्ष

राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे छात्र के बैंक खाते में भेजी जाती है।

कौन लाभ ले सकता है

  • कक्षा 9वीं या 10वीं में पढ़ने वाले OBC छात्र/छात्राएँ
  • सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालय में अध्ययनरत छात्र

पात्रता (Eligibility)

  • छात्र उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • छात्र OBC वर्ग से संबंधित हो
  • छात्र कक्षा 9वीं या 10वीं में अध्ययनरत हो
  • परिवार की वार्षिक आय ₹2,50,000/- से अधिक न हो
  • छात्र ने पिछले वर्ष न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हों
  • छात्र के परिवार के पास एक से अधिक चार पहिया वाहन न हों (सरकारी मानक अनुसार)

आवेदन प्रक्रिया

  1. छात्र छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति पोर्टल पर जाए
  2. नया पंजीकरण / लॉगिन करें
  3. OBC प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का चयन करें
  4. आवेदन फॉर्म भरें
  5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  6. आवेदन की जांच:
    • विद्यालय स्तर
    • जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी
  7. स्वीकृति के बाद छात्रवृत्ति राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

आवेदन सामान्यतः जुलाई–अक्टूबर के बीच आमंत्रित किए जाते हैं। सत्यापन एवं भुगतान प्रक्रिया मार्च तक पूरी की जाती है।

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महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय सहायता योजना

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW)

योजना का परिचय

महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए संचालित एक शैक्षिक सहायता योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों को पुस्तकें, कॉपी, स्टेशनरी आदि खरीदने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना
  • पुस्तकें एवं अध्ययन सामग्री खरीदने में आर्थिक सहयोग
  • शिक्षा के क्षेत्र में ड्रॉपआउट कम करना

सहायता राशि (लाभ)

शिक्षा स्तर के अनुसार सहायता राशि निर्धारित है:

  • कक्षा 1 से 5: ₹1,000
  • कक्षा 6 से 8: ₹2,000
  • कक्षा 9 से 10: ₹3,000
  • कक्षा 11 से 12: ₹5,000
  • स्नातक (Graduate): ₹8,000
  • स्नातकोत्तर (Post Graduate): ₹12,000

यह राशि प्रति वर्ष दी जाती है और DBT के माध्यम से सीधे छात्र के बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक के:
    • पुत्र / पुत्री
  • छात्र किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय / कॉलेज में अध्ययनरत हो

पात्रता (Eligibility)

  • छात्र उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • छात्र के माता/पिता UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हों
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण हो
  • छात्र ने पिछली कक्षा में कम से कम 60% अंक प्राप्त किए हों
  • छात्र नियमित रूप से अध्ययनरत हो
  • एक परिवार से अधिकतम दो बच्चों को लाभ

आवेदन प्रक्रिया

  1. UPBOCW पोर्टल पर लॉगिन / पंजीकरण करें
  2. महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय सहायता योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच श्रम विभाग द्वारा की जाती है
  6. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

आवेदन सामान्यतः शैक्षिक सत्र की शुरुआत में स्वीकार किए जाते हैं। निर्धारित तिथि के भीतर आवेदन करना आवश्यक है।

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गणेश शंकर विद्यार्थी श्रमिक पुरस्कार योजना

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW)

योजना का परिचय

गणेश शंकर विद्यार्थी श्रमिक पुरस्कार योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों के लिए संचालित एक प्रोत्साहन योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। योजना के अंतर्गत श्रमिकों के ऐसे बच्चों को नकद पुरस्कार दिया जाता है, जिन्होंने बोर्ड/विश्वविद्यालय परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिक परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करना
  • मेधावी छात्रों को सम्मान एवं आर्थिक सहायता देना
  • शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना

पुरस्कार राशि (लाभ)

परीक्षा/कक्षा के अनुसार पुरस्कार राशि इस प्रकार है:

  • कक्षा 10 (हाईस्कूल): ₹4,000
  • कक्षा 12 (इंटरमीडिएट): ₹5,000
  • स्नातक (Graduation): ₹10,000
  • स्नातकोत्तर (Post Graduation): ₹15,000

यह राशि एक बार (One Time) दी जाती है और DBT के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक के:
    • पुत्र / पुत्री
  • छात्र किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालय से परीक्षा उत्तीर्ण हो

पात्रता (Eligibility)

  • छात्र उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • छात्र के माता/पिता UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हों
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण हो
  • छात्र ने बोर्ड/विश्वविद्यालय परीक्षा प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण की हो
  • छात्र ने न्यूनतम 60% अंक प्राप्त किए हों
  • छात्र नियमित विद्यार्थी हो

आवेदन प्रक्रिया

  1. UPBOCW पोर्टल पर लॉगिन / पंजीकरण करें
  2. गणेश शंकर विद्यार्थी श्रमिक पुरस्कार योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच श्रम विभाग द्वारा की जाती है
  6. स्वीकृति के बाद पुरस्कार राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

परीक्षा परिणाम घोषित होने के 90 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। विलंब होने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

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गंभीर बीमारी सहायता योजना (निर्माण कामगार)

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW)

योजना का परिचय

गंभीर बीमारी सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण कामगारों(श्रमिकों) के लिए संचालित एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सहायता योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। योजना के अंतर्गत यदि कोई पंजीकृत निर्माण श्रमिक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है, तो उसके इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

योजना का उद्देश्य

  • गंभीर बीमारी की स्थिति में श्रमिक को इलाज हेतु आर्थिक सहायता देना
  • महंगे उपचार के कारण होने वाले आर्थिक बोझ को कम करना
  • श्रमिक परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना

सहायता राशि (लाभ)

  • अधिकतम ₹3,00,000/- (तीन लाख रुपये तक) की आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • सहायता राशि बीमारी की प्रकृति, उपचार खर्च एवं सरकारी मानकों के अनुसार स्वीकृत की जाती है।
  • भुगतान DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जाता है।

किन बीमारियों पर सहायता मिलती है

सामान्यतः निम्न गंभीर बीमारियाँ शामिल होती हैं (सरकारी सूची अनुसार):

  • कैंसर
  • हृदय रोग (Heart Surgery, Bypass आदि)
  • किडनी फेल / डायलिसिस / किडनी ट्रांसप्लांट
  • ब्रेन ट्यूमर / ब्रेन सर्जरी
  • लिवर से संबंधित गंभीर रोग
  • रीढ़ की हड्डी की गंभीर सर्जरी
  • अन्य अधिसूचित गंभीर बीमारियाँ

किसे लाभ मिलेगा

  • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण कामगार स्वयं (यह योजना सामान्यतः श्रमिक के इलाज के लिए होती है)

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • आवेदक UPBOCW में पंजीकृत निर्माण कामगार हो
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण होना चाहिए
  • पंजीकरण बीमारी के समय सक्रिय होना चाहिए
  • बीमारी को सरकारी/मान्यता प्राप्त चिकित्सालय द्वारा प्रमाणित किया गया हो
  • एक ही बीमारी के लिए सीमित बार सहायता अनुमन्य (नियम अनुसार)

आवेदन प्रक्रिया

  1. UPBOCW पोर्टल पर लॉगिन / पंजीकरण करें
  2. गंभीर बीमारी सहायता योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. सभी आवश्यक चिकित्सा दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच:
    • श्रम विभाग
    • चिकित्सा परीक्षण / समिति (यदि आवश्यक)
  6. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

बीमारी का पता चलने या इलाज शुरू होने के शीघ्र बाद आवेदन करना चाहिए। समय सीमा विभागीय निर्देशों के अनुसार लागू होती है।

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अटल आवासीय विद्यालय योजना (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) एवं समाज कल्याण विभाग

योजना का परिचय

अटल आवासीय विद्यालय योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों एवं अन्य श्रमिक वर्गों के बच्चों के लिए संचालित एक महत्वाकांक्षी शिक्षा योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) एवं समाज कल्याण विभाग के समन्वय से किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण, आवासीय शिक्षा प्रदान की जाती है।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर और समान शिक्षा अवसर देना
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को आवासीय विद्यालय सुविधा देना
  • बच्चों का सर्वांगीण विकास (शिक्षा, खेल, अनुशासन) सुनिश्चित करना

विद्यालय की विशेषताएँ

  • पूरी तरह आवासीय (Residential) विद्यालय
  • निःशुल्क शिक्षा, भोजन, छात्रावास, पुस्तकें, यूनिफॉर्म
  • आधुनिक कक्षाएँ, प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय
  • खेलकूद एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियाँ
  • CBSE / राज्य बोर्ड आधारित पाठ्यक्रम (विद्यालय अनुसार)

किन छात्रों को प्रवेश मिलता है

  • निर्माण श्रमिकों के बच्चे
  • कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चे
  • अन्य अधिसूचित श्रेणियाँ (सरकारी दिशा-निर्देश अनुसार)

पात्रता (Eligibility)

  • छात्र उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • छात्र कक्षा 5 उत्तीर्ण हो (कक्षा 6 में प्रवेश हेतु)
  • छात्र के माता/पिता:
    • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हों
    • या छात्र कोविड-19 के कारण अनाथ हुआ हो
  • छात्र की आयु एवं शैक्षिक योग्यता सरकारी मानक अनुसार हो
  • प्रवेश प्रवेश परीक्षा / चयन प्रक्रिया के माध्यम से होता है

चयन प्रक्रिया

  1. ऑनलाइन आवेदन
  2. प्रवेश परीक्षा / मेरिट सूची
  3. दस्तावेज सत्यापन
  4. अंतिम चयन सूची जारी

आवेदन प्रक्रिया

  1. संबंधित अटल आवासीय विद्यालय पोर्टल पर जाएँ
  2. ऑनलाइन पंजीकरण करें
  3. आवेदन फॉर्म भरें
  4. दस्तावेज अपलोड करें
  5. चयन सूची/प्रवेश परीक्षा की प्रतीक्षा करें

आवेदन की समय सीमा

आवेदन सामान्यतः मार्च–मई के बीच आमंत्रित किए जाते हैं। प्रवेश प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र से पूर्व पूर्ण की जाती है।

आधिकारिक पोर्टल

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW)

https://upbocw.in/

प्रवेश से संबंधित सूचना जिला स्तर/विद्यालय स्तर पर भी जारी की जाती है।

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कुष्ठ रोग भरण-पोषण अनुदान योजना (उत्तर प्रदेश)

समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

कुष्ठ रोग भरण-पोषण अनुदान योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुष्ठ (लेप्रोसी) रोग से पीड़ित गरीब व निराश्रित व्यक्तियों के लिए चलाई जा रही सामाजिक सहायता योजना है। इस योजना का उद्देश्य कुष्ठ रोगियों को न्यूनतम जीवन-यापन हेतु मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसका संचालन समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाता है।

योजना का उद्देश्य

  • कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहारा देना
  • उपचार के बाद भी सामाजिक-आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे रोगियों का भरण-पोषण सुनिश्चित करना
  • रोगियों को सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करना

अनुदान राशि (लाभ)

  • ₹3,000/- प्रति माह की आर्थिक सहायता
  • राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है

किसे लाभ मिलेगा

  • कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति
  • जो आर्थिक रूप से असहाय/गरीब हो
  • जो किसी अन्य नियमित पेंशन/अनुदान का लाभ न ले रहा हो (नियमों के अनुसार)

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • आवेदक कुष्ठ रोग से पीड़ित हो और इसका चिकित्सकीय प्रमाण उपलब्ध हो
  • आवेदक गरीबी रेखा के अंतर्गत/निराश्रित श्रेणी में आता हो
  • आवेदक किसी अन्य समान प्रकृति की सरकारी पेंशन/भरण-पोषण योजना का लाभ न ले रहा हो
  • आवेदक की आय सरकारी मानक सीमा के भीतर हो

आवेदन प्रक्रिया

  1. आवेदक ऑनलाइन आवेदन करता है
  2. आवेदन समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर किया जाता है
  3. आवेदन की जांच:
    • ग्राम/नगर स्तर
    • जिला समाज कल्याण अधिकारी
  4. सत्यापन पूर्ण होने पर लाभार्थी को योजना में शामिल किया जाता है
  5. स्वीकृति के बाद मासिक अनुदान सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है

आवेदन की समय सीमा

आवेदन पूरे वर्ष किया जा सकता है। स्वीकृति के बाद भुगतान नियमित रूप से मासिक किया जाता है।

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चेतन चौहान खेल प्रोत्साहन योजना (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW)

योजना का परिचय

चेतन चौहान खेल प्रोत्साहन योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों को खेल गतिविधियों में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) द्वारा किया जाता है। इस योजना का नाम चेतन चौहान (प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर) के नाम पर रखा गया है।

योजना का उद्देश्य

  • श्रमिकों एवं उनके बच्चों में खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करना
  • राज्य/राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता देना
  • युवाओं में खेल भावना, अनुशासन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

योजना के अंतर्गत सहायता

इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को खेल प्रतियोगिता में भाग लेने, प्रशिक्षण, खेल किट आदि के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।

सहायता राशि (लाभ)

खेल स्तर के अनुसार सहायता राशि निम्न प्रकार से दी जाती है:

  • जिला स्तरीय प्रतियोगिता: ₹1,000
  • मंडल स्तरीय प्रतियोगिता: ₹2,000
  • राज्य स्तरीय प्रतियोगिता: ₹5,000
  • राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता: ₹10,000

यह सहायता राशि एकमुश्त होती है और DBT के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।

किसे लाभ मिलेगा

  • UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक
  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक के पुत्र / पुत्री
  • जो किसी मान्यता प्राप्त खेल प्रतियोगिता में भाग ले रहे हों

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • आवेदक या उसके माता/पिता UPBOCW में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हों
  • श्रमिक का कम से कम 1 वर्ष का वैध पंजीकरण हो
  • लाभार्थी किसी मान्यता प्राप्त खेल संस्था/संघ द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग ले रहा हो
  • एक प्रतियोगिता के लिए एक बार ही सहायता अनुमन्य

आवेदन प्रक्रिया

  1. UPBOCW पोर्टल पर लॉगिन / पंजीकरण करें
  2. चेतन चौहान खेल प्रोत्साहन योजना का चयन करें
  3. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  5. आवेदन की जांच श्रम विभाग द्वारा की जाती है
  6. स्वीकृति के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

प्रतियोगिता में भाग लेने के पूर्व या प्रतियोगिता समाप्त होने के 90 दिनों के भीतर आवेदन करना चाहिए। विलंब होने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (उत्तर प्रदेश)

महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे बालिकाओं के जन्म से लेकर स्नातक स्तर तक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस योजना का संचालन महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

योजना का उद्देश्य

  • बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करना
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना
  • बाल विवाह रोकना
  • बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना

कुल सहायता राशि

इस योजना के अंतर्गत एक बालिका को कुल ₹25,000/- तक की आर्थिक सहायता 6 चरणों में दी जाती है।

सहायता के चरण (Stages) एवं राशि

चरण अवस्था सहायता राशि
प्रथम बालिका का जन्म ₹2,000
द्वितीय टीकाकरण पूर्ण होने पर ₹1,000
तृतीय कक्षा 1 में प्रवेश ₹2,000
चतुर्थ कक्षा 6 में प्रवेश ₹2,000
पंचम कक्षा 9 में प्रवेश ₹3,000
षष्ठ कक्षा 10/12 उत्तीर्ण कर स्नातक/डिप्लोमा में प्रवेश ₹15,000

कुल सहायता = ₹25,000/-

किसे लाभ मिलेगा

  • उत्तर प्रदेश की निवासी बालिकाएँ
  • परिवार की अधिकतम दो बालिकाएँ
  • 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद जन्मी बालिकाएँ (नियम अनुसार)

पात्रता (Eligibility)

  • परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  • परिवार की वार्षिक आय ₹3,00,000/- से अधिक न हो
  • परिवार में अधिकतम दो बालिकाएँ
  • बालिका का जन्म सरकारी/मान्यता प्राप्त अस्पताल में हुआ हो
  • बालिका का विद्यालय/कॉलेज मान्यता प्राप्त हो

आवेदन प्रक्रिया

  1. कन्या सुमंगला पोर्टल पर जाएँ
  2. नया पंजीकरण करें
  3. संबंधित चरण (Stage) का चयन करें
  4. आवेदन फॉर्म भरें
  5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  6. आवेदन की जांच:
    • आंगनवाड़ी / विद्यालय
    • जिला महिला कल्याण अधिकारी
  7. स्वीकृति के बाद राशि DBT के माध्यम से बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

प्रत्येक चरण के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन आवश्यक। विलंब होने पर उस चरण का लाभ नहीं मिलता।

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यूपी महिला सामर्थ्य योजना (उत्तर प्रदेश)

महिला कल्याण विभाग / मिशन शक्ति, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

यूपी महिला सामर्थ्य योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से संचालित एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना का संचालन महिला कल्याण विभाग / मिशन शक्ति (Mission Shakti) के अंतर्गत किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कौशल विकास, स्वरोजगार, आजीविका एवं आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ना है।

योजना का उद्देश्य

  • महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना
  • महिलाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
  • महिलाओं में आत्मनिर्भरता और निर्णय क्षमता का विकास करना
  • ग्रामीण एवं शहरी गरीब महिलाओं की आजीविका सुधारना

किन महिलाओं को लाभ मिलेगा

  • ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाएँ
  • स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएँ
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएँ
  • विधवा, परित्यक्ता, निराश्रित महिलाएँ
  • कामकाजी एवं बेरोजगार महिलाएँ

पात्रता (Eligibility)

  • आवेदिका उत्तर प्रदेश की निवासी हो
  • आवेदिका की आयु सामान्यतः 18 से 60 वर्ष के बीच हो
  • महिला आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हो
  • स्वयं सहायता समूह / आजीविका मिशन से जुड़ी महिला को प्राथमिकता
  • एक परिवार से एक महिला को प्राथमिकता (नियम अनुसार)

योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता

यूपी महिला सामर्थ्य योजना के अंतर्गत महिलाओं को निम्न प्रकार की सहायता दी जाती है:

  • कौशल विकास प्रशिक्षण (सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, फूड प्रोसेसिंग, डिजिटल स्किल आदि)
  • स्वरोजगार हेतु मार्गदर्शन
  • ऋण/वित्तीय सहायता (बैंक/सरकारी योजनाओं से जोड़ना)
  • मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग सहयोग
  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा

वित्तीय सहायता

  • योजना के अंतर्गत सीधी नकद राशि तय नहीं होती
  • महिलाओं को प्रशिक्षण, स्वरोजगार एवं ऋण सुविधा के माध्यम से आर्थिक सहयोग दिया जाता है
  • कुछ मामलों में सब्सिडी या अनुदान संबंधित योजनाओं के माध्यम से मिलता है

आवेदन प्रक्रिया

  1. महिला मिशन शक्ति / महिला सामर्थ्य योजना पोर्टल या नजदीकी ब्लॉक / जिला महिला कल्याण कार्यालय में संपर्क करे
  2. आवेदन फॉर्म भरें
  3. दस्तावेज सत्यापन
  4. प्रशिक्षण/स्वरोजगार गतिविधि से जोड़ा जाता है
  5. लाभ प्रदान किया जाता है

आवेदन की समय सीमा

आवेदन पूरे वर्ष स्वीकार किए जाते हैं। प्रशिक्षण एवं सहायता चरणबद्ध तरीके से दी जाती है।

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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (उत्तर प्रदेश)

महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे बालिकाओं के जन्म से लेकर स्नातक स्तर तक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस योजना का संचालन महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

योजना का उद्देश्य

  • बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करना
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना
  • बाल विवाह रोकना
  • बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना

कुल सहायता राशि

इस योजना के अंतर्गत एक बालिका को कुल ₹25,000/- तक की आर्थिक सहायता 6 चरणों में दी जाती है।

सहायता के चरण एवं राशि

चरण अवस्था सहायता राशि
प्रथम बालिका का जन्म ₹2,000
द्वितीय टीकाकरण पूर्ण होने पर ₹1,000
तृतीय कक्षा 1 में प्रवेश ₹2,000
चतुर्थ कक्षा 6 में प्रवेश ₹2,000
पंचम कक्षा 9 में प्रवेश ₹3,000
षष्ठ कक्षा 10/12 उत्तीर्ण कर स्नातक/डिप्लोमा में प्रवेश ₹15,000

👉 कुल सहायता = ₹25,000/-

किसे लाभ मिलेगा

  • उत्तर प्रदेश की निवासी बालिकाएँ
  • परिवार की अधिकतम दो बालिकाएँ
  • 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद जन्मी बालिकाएँ (नियम अनुसार)

पात्रता (Eligibility)

  1. परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो
  2. परिवार की वार्षिक आय ₹3,00,000/- से अधिक न हो
  3. परिवार में अधिकतम दो बालिकाएँ
  4. बालिका का जन्म सरकारी/मान्यता प्राप्त अस्पताल में हुआ हो
  5. बालिका का विद्यालय/कॉलेज मान्यता प्राप्त हो

आवश्यक दस्तावेज

  • बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
  • माता-पिता का आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक (बालिका/अभिभावक के नाम)
  • विद्यालय/कॉलेज प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो

आवेदन प्रक्रिया

  1. कन्या सुमंगला पोर्टल पर जाएँ
  2. नया पंजीकरण करें
  3. संबंधित चरण (Stage) का चयन करें
  4. आवेदन फॉर्म भरें
  5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  6. आवेदन की जांच:
    • आंगनवाड़ी / विद्यालय
    • जिला महिला कल्याण अधिकारी
  7. स्वीकृति के बाद राशि DBT के माध्यम से बैंक खाते में भेजी जाती है

आवेदन की समय सीमा

प्रत्येक चरण के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन आवश्यक है। विलंब होने पर उस चरण का लाभ नहीं मिलता।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

  • बालिका के जन्म से उच्च शिक्षा तक सहयोग
  • चरणबद्ध एवं पारदर्शी भुगतान प्रणाली
  • बालिका शिक्षा एवं सशक्तिकरण पर केंद्रित योजना
  • पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया
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यूपी महिला सामर्थ्य योजना (उत्तर प्रदेश)

महिला कल्याण विभाग / मिशन शक्ति, उत्तर प्रदेश

योजना का परिचय

यूपी महिला सामर्थ्य योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से संचालित एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना का संचालन महिला कल्याण विभाग / मिशन शक्ति (Mission Shakti) के अंतर्गत किया जाता है। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कौशल विकास, स्वरोजगार, आजीविका एवं आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ना है।

योजना का उद्देश्य

  • महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना
  • महिलाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
  • महिलाओं में आत्मनिर्भरता और निर्णय क्षमता का विकास करना
  • ग्रामीण एवं शहरी गरीब महिलाओं की आजीविका सुधारना

किन महिलाओं को लाभ मिलेगा

  • ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाएँ
  • स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएँ
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएँ
  • विधवा, परित्यक्ता, निराश्रित महिलाएँ
  • कामकाजी एवं बेरोजगार महिलाएँ

पात्रता (Eligibility)

  1. आवेदिका उत्तर प्रदेश की निवासी हो
  2. आवेदिका की आयु सामान्यतः 18 से 60 वर्ष के बीच हो
  3. महिला आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हो
  4. स्वयं सहायता समूह / आजीविका मिशन से जुड़ी महिला को प्राथमिकता
  5. एक परिवार से एक महिला को प्राथमिकता (नियम अनुसार)

योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता

यूपी महिला सामर्थ्य योजना के अंतर्गत महिलाओं को निम्न प्रकार की सहायता दी जाती है:

  • कौशल विकास प्रशिक्षण (सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, फूड प्रोसेसिंग, डिजिटल स्किल आदि)
  • स्वरोजगार हेतु मार्गदर्शन
  • ऋण/वित्तीय सहायता (बैंक/सरकारी योजनाओं से जोड़ना)
  • मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग सहयोग
  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा

वित्तीय सहायता

  • योजना के अंतर्गत सीधी नकद राशि तय नहीं होती
  • महिलाओं को प्रशिक्षण, स्वरोजगार एवं ऋण सुविधा के माध्यम से आर्थिक सहयोग दिया जाता है
  • कुछ मामलों में सब्सिडी या अनुदान संबंधित योजनाओं के माध्यम से मिलता है

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • स्वयं सहायता समूह प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • प्रशिक्षण/कार्य में रुचि का विवरण

आवेदन प्रक्रिया

  1. महिला मिशन शक्ति / महिला सामर्थ्य योजना पोर्टल या नजदीकी ब्लॉक / जिला महिला कल्याण कार्यालय में संपर्क करें
  2. आवेदन फॉर्म भरें
  3. दस्तावेज सत्यापन
  4. प्रशिक्षण/स्वरोजगार गतिविधि से जोड़ा जाता है
  5. लाभ प्रदान किया जाता है

आवेदन की समय सीमा

आवेदन पूरे वर्ष स्वीकार किए जाते हैं। प्रशिक्षण एवं सहायता चरणबद्ध तरीके से दी जाती है।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

  • महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण पर आधारित
  • रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ावा
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू
  • मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रभावी क्रियान्वयन